बुध वक्री 2024 कैलेंडर
बुध वक्री 2024 कैलेंडर:एस्ट्रोसेज के आर्टिकलमेंआपको यह जानने में मदद मिलेगी कि वर्ष 2024 के दौरानबुध कब वक्री गति में आएंगे, साथ ही वे कब और किस राशि में प्रवेश करेंगे और कब अपनी राशि चक्र यात्रा को पूरा करके आगे बढ़ना शुरू कर देंगे। इसके अलावा, हम आपको यह भी बताएंगे कि कोई भी ग्रह जब वक्री गति में होता है तो वह जातक के जीवन में किस तरह के प्रभाव ला सकता है। हम आशा करते हैं कि आपके लिए यह लेख फायदेमंद होगा और आप वक्री बुध की स्थिति को जानकर अपने जीवन की घटनाओं को भली प्रकार समझ पाएंगे।
भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके
इस कैलेंडर के जरिए आप यह भी पता लगा सकते हैं कि कोई ग्रह कब वक्री हो रहा है और कब मार्गी हो रहा है और उस समय वह किस राशि में स्थित होंगे।यह सभी जानकारियां अति महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसी के आधार पर किसी भी जातक के जीवन पर पड़ने वाले ग्रहों के प्रभाव को जानकर ही उसका भविष्य कथन किया जा सकता है। वर्ष 2024 में ग्रहों के वक्री होने की समस्त जानकारी के लिए आप एस्ट्रोसेज के वक्री ग्रह कैलेंडर 2024 देखें।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह को बुद्धि का देवता माना जाता है और ये चंद्र देव के पुत्र हैं। बुध ग्रह को संदेशवाहक माना जाता है और यही वजह है कि सभी संचार के माध्यमों और यातायात के साधनों के कारक भी बुध ग्रह ही होते हैं।बुध को मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह कन्या राशि में उच्च के होते हैं और मीन राशि इनकी नीच राशि होती है। बुध ग्रह वाणी के कारक होते हैं। यह संचार, बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट, आदि क्षेत्रों के भी कारक ग्रह होते हैं। बुध किसी भी व्यक्ति की तर्क क्षमता में सुधार करते हैं और जातक को अच्छा ह्यूमर प्रदान करते हैं। जब बुध किसी राशि में अच्छी स्थिति में विराजमान होते हैं तो जातक सुंदर और अपनी आयु से कम यानी युवा दिखता है। ऐसे जातक हाजिर जवाब भी होते हैं और उनमें उत्कृष्ट प्रतिभाएं होती हैं जो उन्हें जीवन के कई क्षेत्रों में सफलता दिलाने में मदद करती है।
Read Here In English: Mercury Retrograde 2024 Calendar
बुध ग्रह तर्कसंगत विचारों के स्वामी हैं। यह व्यक्ति की बुद्धि पर आधिपत्य रखते हैं और व्यक्ति किस दिशा में आगे बढ़ेगा, यह उसकी बुद्धि उसे बताती है और साथ ही, बुध करियर निर्णय लेने में मददगार साबित होते हैं। बुध विभिन्न प्रकार के करियर संबंधी विकल्पों के चयन में भी सहायक होते हैं इसलिए ऐसा कहा जाता है कि बुध की मजबूत स्थिति से जातक को संचार के माध्यम से जीवन में अपार सफलता मिलती है। व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन करता है और अधिक तेज़ी से आगे बढ़ता है। साथ ही, बुध की कृपा से छात्र स्कॉलरशिप तक मिल सकती है। यदि बुध ग्रह से प्रभावित व्यक्ति जिज्ञासु हो तो जीवन में गहराइयों तक जाकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत कर सकता है।
वहीं जब कुंडली में बुध कमज़ोर स्थिति में विराजमान हो तो कई नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। व्यक्ति को मिर्गी के दौरे आना या त्वचा संबंधित आदि समस्याएं महसूस हो सकती है। इसके अलावा, जातक को बोलने में भी समस्याएं हो सकती है और संभव है कि वह अपनी बात रखने में असमर्थ हो। ऐसे व्यक्ति को अपने बिज़नेस में भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे व्यक्ति के संबंध अपनी बहन, बुआ और मौसी से बिगड़ सकते हैं और उनके रिश्ते में कड़वाहट आ सकती है। बुध के प्रभाव से जातक मीडियाकर्मी, पत्रकार, लेखक, व्यापारी, गणितज्ञ और अन्य संबंधित क्षेत्रों में करियर बनाने का निर्णय ले सकता है। ऐसे सभी कार्य जिनमें बोलने और बुद्धि का इस्तेमाल हो, बुध ग्रह के अंतर्गत आते हैं। ज्योतिष में बुध का विशेष महत्व है और हमारे जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों में बुध ग्रह का प्रमुख योगदान है। ऐसे में, बुध ग्रह जब वक्री अवस्था में होंगे तो किस प्रकार के परिणाम प्रदान कर सकते हैं, यह जानना बेहद आवश्यक है क्योंकि उसी के अनुसार हम अपने जीवन में बुध ग्रह के द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रभावों को समझ सकते हैं।
अपने जीवन को कैसे बनाएं खास? विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करके जानें जवाब
बुध वक्री 2024 कैलेंडर : बुध वक्री 2024 तिथि और समय
ग्रह | वक्री गति प्रारंभ | वक्री गति समाप्त | इस राशि से | इस राशि में |
बुध ग्रह | 02 अप्रैल, 2024 की सुबह 03 बजकर 18 मिनट से | 25 अप्रैल, 2024 | मेष राशि | मीन राशि |
05 अगस्त, 2024 की सुबह 09 बजकर 44 मिनट से | 29 अगस्त, 2024 | सिंह राशि | कर्क राशि | |
26 नवंबर, 2024 की सुबह 07 बजकर 39 मिनट से | 16 दिसंबर, 2024 | वृश्चिक राशि | वृश्चिक राशि |
बुध वक्री 2024 कैलेंडर : बुध के वक्री होने का अर्थ
बुध वक्री 2024 कैलेंडर में हम बुध के वक्री होने के अर्थ को समझेंगे। जैसा कि हम जानते हैं कि बुध सहित प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समयावधि में सूर्य की चारों ओर परिक्रमा पूरी करता है। चूंकि बुध सूर्य के सबसे निकट है इसलिए यह चंद्रमा के बाद सबसे तीव्र गति से चलने वाले भी माने जाते हैं। बुध ग्रह के तीन साल पृथ्वी के एक साल के लगभग बराबर होते हैं। बुध ग्रह के बारे में तो हम बहुत कुछ जान चुके हैं। अब यह जानना आवश्यक है कि वक्री बुध गति क्या होती है और कब बुध वक्री अवस्था में माने जाते हैं। हम ज्योतिष का अध्ययन करते हुए पृथ्वी के सापेक्ष गुणों का अध्ययन करते हैं। जब कोई ग्रह अपनी कक्षा में गति करते हुए सूर्य और पृथ्वी के साथ एक निकटतम बिंदु पर पहुंचता है तो पृथ्वी से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वह उल्टा चल रहा है और इस प्रकार उल्टी प्रतीत होने वाली गति को ही वक्री गति कहा जाता है।
जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि बुध सूर्य के चारों ओर बहुत तेज़ गति से घूमता है क्योंकि यह सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है। परिणामस्वरूप यह स्थिति लगभग साल में तीन से चार बार बन जाती है कि जब पृथ्वी से यह बुध ग्रह वक्री अवस्था में नजर आता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक ग्रह मनुष्य के जीवन को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से प्रभावित करता है। जब बुध वक्री अवस्था में होता है तो इसकी स्थिति और भी अलग हो जाती है। हम इस लेख में इस बात पर प्रकाश डाल रहे हैं कि बुध की वक्री गति लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित करती है।
बुध वक्री 2024 कैलेंडर आपकी यह जानने में मदद करता है कि वर्ष 2024 में बुध ग्रह कब और किस तिथि और किस दिन वक्री अवस्था में आएंगे और कब तक ऐसी वक्री अवस्था में रहेंगे। हम आपको यह भी बताएंगे कि जिस दौरान बुध वक्री अवस्था में आएंगे और जब ये वक्री अवस्था से मार्गी अवस्था में आएंगे, उस दौरान वे किस राशि में होंगे ताकि बुध की स्थिति को जानकर व्यक्ति यह समझ सके कि बुध ग्रह का उनके जीवन पर किस प्रकार का प्रभाव होगा। बुध शुभ व अशुभ कैसा प्रभाव डालेंगे हम इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आपको विशेष जानकारी दे रहे हैं। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सभी 12 भावों में बुध वक्री 2024 के प्रभाव के बारे में।
शनि रिपोर्ट से जानें अपने जीवन पर शनि का प्रभाव और उपाय
कुंडली के सभी 12 भावों पर वक्री बुध का प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को ईश्वर के संदेशवाहक और अच्छी सफलता का कारक माना जाता है। चूंकि यह जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का प्रतीक है इसलिए वैदिक ज्योतिष में इसकी वक्री स्थिति का अत्यधिक महत्व है। ऐसे में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि वक्री बुध की गति कुंडली के सभी 12 भावों को कैसे प्रभावित करेगा। यह जानने के लिए आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं।
प्रथम भाव में वक्री बुध का प्रभाव
कुंडली का लग्न या पहला भाव व्यक्तित्व का प्रतिबिंब यानी आईना होता है। यह व्यक्ति के व्यवहार और विचार करने की क्षमता को प्रदर्शित करता है। पहले भाव से न केवल व्यक्ति की कद काठी का पता चलता है बल्कि उसका शारीरिक स्वास्थ्य और समाज में वह किस रूप में दिखाई देता है, यह भी पता चलता है। बुध वक्री 2024 कैलेंडर के अनुसार, यदि बुध ग्रह पहले भाव यानी लग्न भाव में वक्री हो रहे हैं, तो यह व्यक्ति को आवेगी बनाता है। ऐसे जातक अक्सर जल्दबाजी में निर्णय लेते हैं जिसका परिणाम प्रतिकूल होता है। ऐसे जातक किसी वस्तु स्थिति को प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक गुजरने को तैयार हो जाते हैं और शीघ्र ही फैसले लेने में सक्षम होते हैं। इनके मन में विचारों का आवागमन बहुत तीव्र गति से होता है और इनकी बुद्धि बहुत तेजी से चलने लगती है, जिसका प्रयोग करके ये जीवन की समस्याओं का तुरंत समाधान निकाल लेते हैं।
हालांकि, जातकों को सावधान किया जाता है कि जब बुध आपके पहले भाव में वक्री हो रहे हो तो इस दौरान किसी से वादा न करें क्योंकि उन्हें उन्हें निभाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, यह भी सलाह दी जाती है कि किसी भी समझौते पर जल्दबाजी में हस्ताक्षर करने से बचें। पहले उसे सावधानीपूर्वक पढ़ लें और फिर उसके बाद ही कोई फैसला लें।
दूसरे भाव में वक्री बुध का प्रभाव
बुध वक्री 2024 कैलेंडर बताता है कि यदि बुध आपके दूसरे भाव में वक्री अवस्था में मौजूद हैं तो कई प्रकार के प्रभाव डालते हैं। किसी जातक की कुंडली में दूसरा भाव धन भाव माना जाता है और इसी को वाणी का भाव भी कहा जाता है। वाणी की कृपा मां सरस्वती के आशीर्वाद से प्राप्त होती है और बुध ग्रह को वाणी का कारक माना जाता है। यदि किसी जातक की कुंडली के दूसरे भाव में बुध वक्री हो जाए तो आमदनी और उसकी बचत में तालमेल बिगड़ सकता है।
जातक ज्यादा धन बचाने का प्रयास करने के चक्कर में कंजूस भी हो सकता है और अशुभ स्थिति होने पर ये जातक बचत को भी खर्च करने में नहीं हिचकते। इसके अलावा, ये जातक वाद विवाद और बोलने के कामों से बहुत अच्छा धन अर्जित कर सकते हैं और किसी से भी अपना काम निकालने में माहिर हो सकते हैं। यदि वक्री बुध दूसरे भाव में मौजूद हो तो व्यक्ति को संपत्ति खरीदते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है और ऐसे व्यक्ति को जल्दबाजी में कोई भी फैसला नहीं करना चाहिए।
ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें
तीसरे भाव में वक्री बुध का प्रभाव
कुंडली का तीसरा भाव साहस, पराक्रम, संचार, बुद्धिमत्ता आदि गुणों का प्रतिनिधित्व करने वाला भाव है। इस भाव से व्यक्ति के भाई बहनों के बारे में भी पता चलता है। उसके पड़ोसियों की भी जानकारी मिलती है। बुध वक्री 2024 कैलेंडर के अनुसार, काल पुरुष कुंडली में बुध तीसरे भाव के स्वामी हैं। यदि बुध कुंडली के तीसरे भाव में वक्री स्थिति में है, तो जातक को प्रतिकूल परिणामों का अनुभव हो सकता है। ऐसे में, जातकों को दोस्त बनाने में संघर्ष करना पड़ सकता है और समाज में उसकी प्रतिष्ठा खराब हो सकती है। इसके अतिरिक्त, भाई-बहनों के साथ रिश्ते भी खराब होने की संभावना होती है। 2024 में बुध वक्री हो जाएगा और इसके परिणामस्वरूप जातकों के निजी जीवन में कई परेशानियां आने की संभावना है। इस दौरान आपको बोलते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि मुख से निकला एक भी गलत शब्द आपकी परेशानियों को और अधिक बढ़ा सकता है।
चौथे भाव में वक्री बुध का प्रभाव
व्यक्ति की कुंडली में चौथा भाव सहजता और संतुष्टि को दर्शाता है और यह भाव जातक की माता के बारे में भी बताता है। इसके अलावा, मातृभूमि से व्यक्ति के कैसे संबंध हैं और विरासत कैसी मिलेगी, यह भी इसी भाव से पता चलता है। बुध वक्री 2024 कैलेंडर के अनुसार, जब कुंडली के चौथे भाव में बुध वक्री होते हैं, तो जातक को अपनी माता से सुख और स्नेह का अनुभव होता है। आपको माता अत्यंत बुद्धिमान और ज्ञान से परिपूर्ण होती हैं और जातक को मां की अच्छी सलाह मिलती है। वक्री बुध के चौथे भाव में होने से जातक को संपत्ति का लाभ मिलता है और उसका जीवन स्तर भी बढ़िया हो जाता है। ये जातक अपनी सुख-सुविधाओं के बारे में विचार करते हुए उन पर अच्छा खर्च भी करते हैं और अपने रिश्ते को मजबूत बनाने की कोशिश करते हैं।
पांचवां भाव में वक्री बुध का प्रभाव
कुंडली का पांचवां भाव बुद्धि और शिक्षा का भाव माना जाता है। यह हमारी कलात्मक क्षमता और विचारों का भी प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, यह व्यक्ति न्यायप्रिय है अथवा जीवन में किस ओर उसका रुझान रहेगा इसके बारे में भी बताता है। संतान और प्रेम संबंध भी पांचवें भाव के अंतर्गत आते हैं। बुध वक्री 2024 कैलेंडर के अनुसार, 2024 में बुध के पांचवें भाव में वक्री होने के कारण जातक के अंदर चंचलता पाई जाती है। वह कुछ हद तक बचकाना हरकतें भी कर सकता है लेकिन हृदय से अच्छा होता है और किसी का बुरा नहीं सोचता है।
प्रेम संबंध की बात करें तो इस मामले में बुध अच्छे परिणाम देते हैं और जातक अपनी प्यारी मीठी बातों से अपने प्रियतम का दिल जीत लेते हैं लेकिन वह एक ही बात को बार-बार कहता है जिसकी वजह से सामने वाले को परेशानी हो जाती है। यदि बुध पांचवें भाव में वक्री हो जाए तो जातक कुछ नया सीखने को सदैव तत्पर रहता है। ऐसे जातकों में कुछ नया सीखने की जिज्ञासा होती है। साथ ही, शुभ वक्री बुध की वजह से ही जातक को संतान का सुख मिलता है।
छठा भाव में वक्री बुध का प्रभाव
कुंडली का छठा भाव बीमारियों, शत्रुओं और विरोधियों का भाव होता है। इसी भाव से व्यक्ति को जीवन में कर्ज लेने का भी पता चलता है। यह भाव जीवन में आने वाली चुनौतियां और संघर्ष को बताता है। इसके अलावा, राजनीति से संबंधित चुनावों और प्रतियोगी परीक्षाओं का भी भाव होता है। बुध वक्री 2024 कैलेंडर के अनुसार, इसी भाव के चलते व्यक्ति वकालत के क्षेत्र में भी रुचि रखता है।
यदि कुंडली के छठे भाव में वक्री बुध 2024 में हो तो यह जातक के जीवन में कुछ समस्याएं दे सकता है। ऐसे लोग तर्कसंगत होते हैं और कई बार बेवजह ही अर्थात अपने ही वाणी के कारण अपने शत्रु उत्पन्न कर लेते हैं। हालांकि वकालत के दृष्टिकोण से वक्री बुध अत्यंत शुभ फलदायी रहने वाला है लेकिन आम जीवन में यह कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए ऐसे में, इन जातकों को अपने शब्दों का इस्तेमाल बहुत ही सोच-समझकर करना चाहिए क्योंकि उनकी बातों का गलत अर्थ निकाला जा सकता है जो झगड़े का रूप ले सकती है।
सातवें भाव में वक्री बुध का प्रभाव
बुध वक्री 2024 कैलेंडर से पता चलता है कि यदि कुंडली के सातवें भाव में बुध वक्री होता है, तो जातक को एक अच्छा जीवन साथी मिलता है जो अपनी बुद्धिमानी से आपको भी अपने सहयोग से आगे बढ़ाने की क्षमता रख सकता है। यदि आपके निजी जीवन में किसी प्रकार की समस्या चल रही है तो उसे दूर करने में यह वक्री बुध आपकी सहायता कर सकता है। वक्री बुध 2024 सातवें भाव में उपस्थित होकर आपके व्यापार में वृद्धि कर सकता है और विदेशों से भी व्यापार करने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह सामाजिक रूप से आपकी छवि को मजबूत बनाता है और आप एक अच्छे व्यक्ति के रूप में समाज में जाने जाते हैं।
आठवें भाव में वक्री बुध का प्रभाव
आठवां घर जीवन में अप्रत्याशित, चौंकाने वाली और विघटनकारी घटनाओं को दर्शाता है। यह संक्रमण का भी भाव है। इसके अतिरिक्त, यह अध्ययन, आध्यात्मिक प्रथाओं आदि के भाव पर भी प्रकाश डालता है। बुध वक्री 2024 कैलेंडर के अनुसार, यदि आठवें भाव में वक्री बुध 2024 में स्थित हो तो जातक को साधना में सिद्धि मिलने की संभावना रहती है और वह अपनी साधना में गहराइयों तक पहुंच सकता है।
इसके अलावा, इस भाव में जातक के मानसिक क्षमता का विकास होता है। वह अपने अच्छे और बुरे को भली प्रकार समझने में सक्षम हो जाता है। हालांकि यदि वह व्यक्ति भौतिक सुखों की ज्यादा चाह रखता है तो इस समय में जातक को इनमें कमी महसूस हो सकती है। जातक यदि लोन या कर्ज को चुकाना चाहता है तो उसके लिए यह समय उत्तम होता है, उसे सफलता मिल सकती है। ऐसे जातक को व्यापार में उत्तम सफलता प्राप्त होती है और वे तेज़ी से आगे बढ़ते हैं।
आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी राजयोग रिपोर्ट
नौवें भाव में वक्री बुध का प्रभाव
कुंडली का नौवां भाव भाग्य, आध्यात्मिक प्रवृत्ति, लंबी यात्राओं आदि जैसी चीजों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इससे जातक की आध्यात्मिक उन्नति के बारे में भी पता चलता है। यदि कुंडली के नौवें भाव में बुध विराजमान हो तो व्यक्ति विरोधी स्वभाव का हो सकता है व तुरंत शत्रु बनाता है। बुध वक्री 2024 कैलेंडर दर्शाता है कि वक्री बुध जातक को विद्वान भी बना सकता है और समाज में उसकी पद प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।
वक्री बुध 2024 नौवें भाव में हो तो जातक के पिता से संबंध मजबूत हो जाते हैं और दोनों के बीच में प्रेम बढ़ता है। इसके अलावा, बुध के नौवें भाव में वक्री होने से जातक को धर्म-कर्म और शुभ कर्मों में ज्यादा रुचि रहती है। साथ ही दोस्तों, परिवार और समाज के अन्य सदस्यों के बीच उसका मान सम्मान बढ़ता है। जातक इस दौरान तीर्थ यात्राएं भी करता है तथा अपने से बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करता है। इस भाव में वक्री बुध जातक की बहुत सारी लंबी यात्राएं करवाता है।
दसवें भाव में वक्री बुध का प्रभाव
कुंडली के दसवें भाव को बहुत शक्तिशाली भाव माना जाता है क्योंकि यह भाव किसी व्यक्ति के करियर और कार्यक्षेत्र के वातावरण का प्रतिनिधित्व करता है। यह भाव बिज़नेस पर भी प्रकाश डालता है। बुध वक्री 2024 कैलेंडर के अनुसार, दसवें भाव में बुध की वक्री गति जातकों को काम में आने वाली बाधाओं को कम करके अधिक सफल बनाती है। वे इस दौरान प्रभावी ढंग से काम करने और तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम होंगे। साथ ही, उनके करियर में आने वाली बाधाएं भी खत्म हो जाएंगी। बुध की वक्री गति के कारण, जो लोग तनाव से जूझ रहे थे और काम की तलाश कर रहे थे, उन्हें कम तनाव के साथ एक अच्छी नौकरी मिलने का सौभाग्य प्राप्त होगा। इस दौरान जातक के अपने वरिष्ठ अधिकारियों से भी अच्छे संबंध बनेंगे, जो उन्हें नौकरी में अच्छा सहयोग प्रदान करेंगे।
ग्यारहवें भाव में वक्री बुध का प्रभाव
कुंडली का ग्यारहवां भाव प्राप्ति और महत्वाकांक्षाओं का भाव है। इस भाव को लाभ और आय भाव भी कहा जाता है। इस भाव से मित्रों के बारे में भी विचार किया जाता है और जातक का सामाजिक दायरा कैसा होगा, इस बारे में भी ग्यारहवां भाव बताता है। यदि वक्री बुध 2024 में ग्यारहवें भाव में आ जाए तो उसकी वजह से जातक के सामाजिक दायरे में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
इसके अलावा, लोग सोशल मीडिया पर आपके खिलाफ कुछ गलत पोस्ट कर सकते हैं, जिसकी वजह से समाज में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बुध वक्री 2024 कैलेंडर के अनुसार, दोस्तों से भी आपकी गलतफहमी उत्पन्न हो सकती है जिससे झगड़े की नौबत भी आ सकती है। ग्यारहवें भाव में बुध की वक्री स्थिति के परिणामस्वरूप आपकी आमदनी में उतार-चढ़ाव आ सकता है। हालांकि, यदि बुध की वक्री स्थिति अनुकूल है तो इस भाव में गोचर के समय में जातक की आमदनी में वृद्धि देखने को मिलती है और जातक समाज में अपनी छवि के लिए बहुत ज्यादा सजग हो जाता है।
बारहवें भाव में वक्री बुध का प्रभाव
बुध वक्री 2024 कैलेंडर के इस खंड में, हम बारहवें भाव में बुध वक्री के बारे में जानेंगे। कुंडली का बारहवां भाव पृथक्करण, विदेशी भूमि और व्यय का प्रतिनिधित्व करता है। यह अस्पतालों, जेलों आदि से संबंधित समस्याओं को नियंत्रित करता है। यदि बारहवें भाव में वक्री बुध 2024 अपनी प्रतिकूल स्थिति में विराजमान हो तो जातक को अनिद्रा की समस्या, आंखों के रोग और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है। इसके अलावा, जातक को गलत कार्यों की वजह से वह जेल भी जा सकता है।
वहीं इसके विपरीत, यदि बुध अनुकूल स्थिति में वक्री हो रहा है और द्वादश भाव में स्थित हो तो जातक का झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर तेजी से बढ़ता है। जातक के खर्चों में कमी आती है। उसके विदेश जाने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। इसके अलावा, जातक भौतिक सुखों से थोड़ा दूर होता है और अध्यात्म की ओर बढ़ता है। हालांकि ये लोग काफी दिमाग चलाते हैं जिसकी वजह से उनको नींद कम आती है और रात को देर तक जगते हैं। द्वादश यानी बारहवें भाव में बुध वक्री होने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है।
बुध वक्री 2024 कैलेंडर: वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के ज्योतिषीय उपाय
वक्री बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए नीचे कुछ उपाय दिए जा रहे हैं, जिनको अपनाने से बुध के नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है। आइए नज़र डालते हैं इन प्रभावों की ओर:
- बुध देव को प्रसन्न करने के लिए बुध ग्रह के बीज मंत्र-‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ का प्रतिदिन निश्चित संख्या में जाप करना अत्यधिक फलदायी साबित होगा।
- 2024 में बुध के वक्री होने पर प्रतिकूल परिणाम मिलने की स्थिति में भगवान बुध का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गाय की सेवा करें। गाय को पालक या हरी सब्जियां खिलाएं और नियमित रूप से गौशाला में दान दें। यदि कोई व्यक्ति घर में गाय पाल सके और उसकी देखभाल अच्छी तरह से कर सके, तो उससे अच्छा कुछ और नहीं हो सकता है।
- बुध देव को प्रसन्न करने के लिए राधा-रानी या राधा कृष्ण की शरण लें या उनके बीज मंत्र का जाप करके बुध की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
- बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करें। साथ ही, उन्हें दूर्वा घास और मोदक का भोग लगाना अत्यंत फलदायी होगा। इसके अलावा, श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी कर सकते हैं।
- बुधवार के दिन किन्नरों (ट्रांसजेंडर) का आशीर्वाद लें क्योंकि यह सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक है और वक्री बुध के बुरे प्रभावों को नियंत्रित करता है।
- यदि किसी जातक की कुंडली में 2024 में बुध वक्री होकर बुरे परिणाम प्रदान कर रहे हैं या कुंडली में बुध की महादशा चल रही है तो उन्हें अपनी नाक छिदवानी चाहिए।
- 2024 में बुध वक्री की घटना के दौरान बुध की कृपा पाने का सबसे अच्छा उपाय भगवान विष्णु की पूजा करना है। यदि जातक बुधवार से शुरू करके प्रतिदिन श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें, तो वे वक्री बुध के दुष्प्रभाव से छुटकारा पा सकते हैं।
- बुध की कृपा पाने के लिए जातक को बुधवार के दिन पौधारोपण अभियान अपनाना चाहिए और मौजूदा पौधों की उचित देखभाल करनी चाहिए।
- संभव हो तो जातक को हरा वस्त्र पहनना चाहिए। इससे बुध देव की कृपा बरसती है।
- यदि किसी व्यक्ति को बातचीत करने में कोई दिक्कत आ रही हो तो उन्हें मीठा खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह उनकी भाषा को मधुर बनाने में सहायक होगा।
- यदि 2024 बुध वक्री स्थिति आपको नकारात्मक परिणाम दे रहे हैं तो उन्हें संपत्ति से संबंधित किसी भी कागज पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए और यदि महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर मजबूरी में दस्तखत करने भी पड़ें तो पूर्ण रूप से उनकी जांच परख कर ही काम करना चाहिए। इस समय में किसी की भी गारंटी नहीं लेनी चाहिए।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
इसी आशा के साथ कि आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems
AstroSage on MobileAll Mobile Apps
- Horoscope 2024
- राशिफल 2024
- Calendar 2024
- Holidays 2024
- Chinese Horoscope 2024
- Shubh Muhurat 2024
- Career Horoscope 2024
- गुरु गोचर 2024
- Career Horoscope 2024
- Good Time To Buy A House In 2024
- Marriage Probabilities 2024
- राशि अनुसार वाहन ख़रीदने के शुभ योग 2024
- राशि अनुसार घर खरीदने के शुभ योग 2024
- वॉलपेपर 2024
- Astrology 2024